क्या किसी डॉक्टर को बच्चे का जन्म होते ही, बच्चे
को आगे जीवन में कौनसे बिमारीसे झुंझना पडेगा इसका ग्यान हो सकता है ? इसका जबाब
नही होगा । मेडीकल की कोई ब्रांच इसका पता लगाने में सक्षम नही है । दुसरा सवाल ये
है क्या व्यक्ती को आगे होने बिमारीका पता पहलेसे लगने से बिमारी टाली जा सकते है
? इसका जबाब हा है । अगर व्यक्ती को ये पता चले की मैं आगे जाकर कौनसी शारिरीक या
मानसीक बिमारीसे पिडीत होने वाला हू ; तो व्यक्ती उससे बचाव
कर सकता है । कौनसी बिमारी किन कारणों से
होती है ये जानकर अपनी दिनचर्या, खान-पान में बदलाव लाकर, बुरी आदतो को छोडकर, और
कुछ प्रिव्हेंटीव्ह उपाय करता है तो बिमारीसे बचाव हो सकता है । अगर बिमारी होनी
ही है तो उससे होने वाला नुकसान, जैसे इमर्जन्सी में हॉस्पीटल में भर्ती होनेसे होने वाला नुकसान कम किया जा सकता है । बिमारी
नियंत्रण में रखकर हररोज काम भी कर सकता है । बिमारी में उपचार का खर्चा कम कर सकता है ।
जन्मकुंडली ऐसा साधन है जिससे मानवी जीवन को सही मार्गदर्शन मिलता है । मानवी जीवन
में कई सारी समस्याए होती है । इस आर्टीकल और इससे जुडे आर्टीकल में मैं
Medical Astrology की जादा चर्चा करुंगा । व्यक्ती का जन्म होते ही
उसकी जन्मकुंडली बनाई जा सकती है । जैसे ही जन्मकुंडली बनती है ग्यानी ज्योतिषी
व्यक्ती की आयुमर्यादा, होने वाली संभाव्य बिमारीया तथा उसका काल याने कब कौनसी
बिमारी होगी उसके बारें में जान सकता है ।
भारतदेश में हो या दुनियाभर में prevention is better than cure इस विचार का
लाभ लेने वाले व्यक्ती कम होते है । अपनी जीवनशैली ( Life Style ) को नियंत्रीत
नही कर पाते इसलीए कुछ होने के बाद ही उसका इलाज ढुंढते है । ज्योतिषशास्त्र
प्राचीन भारतीय शास्त्र है । इसमें दोनो तरीको सें ( Preventive and Reactive )
मानवी जीवन को मार्गदर्शन करने की क्षमता है । साथ में मानवी जीवन की हर समस्या का
समाधान ढुंढकर मार्गदर्शन देने की क्षमता रखता है ।
इस आर्टीकल की शुरवात में हमने ये सवाल पुछा था की व्यक्ती का जन्म होते ही
क्या आगे चल कर होने वाली बिमारीयों का पता चल सकता है ? ज्योतिषशास्त्र इसके लिए
सक्षम है । ज्योतिषशास्त्र के अनुसार दिन में बारह राशी की जन्मलग्न कुंडली (
Rising Sign based Horoscope or Asendent Horoscope ) से व्यक्ती के छटे भाव याने
रोग स्थान कें बारें में जाना जा सकता है । छटे भाव का स्वामी की स्थिती तथा छ्टे
भाव में बैठे ग्रहो सें होने वाली बिमारीयों का अनुमान किया जा सकता है । लग्न
राशी का स्वामी और सुर्यकी स्थिती से रोग प्रतिरोधक शक्ती ( Immunity ) का अनुमान
किया जा सकता है ।
अगर ज्योतिषशास्त्र की क्षमता कें बारें मे अधिक जानकारी ना रखने वाले को ये
जानकर आश्चर्य होगा की व्यक्ती का जन्म होते ही जन्मकुंडली बनाई जाए तो अभी अभी
जन्मे बच्चे की अगर कोई disability याने विकलांगता का पता भी चल सकता है । कई बार
ये बाद में पता चलता है की बच्चा mentally
challenged है या फ़िर autism के
कारण पढने लिखने में कमजोर होगा ।
ये अगर पहले पता चलता है तो उमर पांच तक कई ऐसे उपचार
आयुर्वेद में है जिससे mentally
challenged या autism का
कम उम्र में उपचार करके उसके की लक्षणॊ कम कम किया जा सकता है ।
इसी तरह सामान्य व्यक्ती को कौनसे प्रकार की बिमारीया
सामान्य रुप से परेशानी दे सकती है उसका भी अध्ययन करके योग तथा अन्य उपाय करके
उससे बचाव करना संभव है ।
इस आर्टीकल में कौनसे लग्न को कौनसी बिमारीया जादा हो
सकती है इसकी जानकारी लेंगे । अगर लग्न का स्वामी और सुर्य बलवान हो तो इन
बिमारीयो का असर कम होगा । वो बिमारीया chronic नही होगी । अगर लग्न का स्वामी और
सुर्य बलवान ना हो तो बिमारीया chronic
हो सकती है ।
जन्मकुंडली के लग्न स्थान का अंक
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लग्नस्थान के अंक से समझने वाली राशी
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इस जन्मलग्न राशी में जन्मे व्यक्ती को सामान्य रुप से होने वाली बिमारीया
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१
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मेष
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इनके
छटे स्थान में कन्या
राशी होने से पाचन
शक्ती कमजोर होना सामन्य
रुप से दिखाई देता
है ।
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२
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वृषभ
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तुला
राशी छटे स्थान में
होने सें मुत्रपिंड से
जुडी बिमारीया जैसे
किडनी स्टोन, मुत्रमार्ग संसर्ग
( urinary infection ) य़ा फ़िर मुत्र
की बिमारीया सामान्य
रुप से सताती है
।
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३
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मिथुन
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वृश्चिक
राशी छटे भाव में
होने से बवासीर और
व्यक्ती का आचरण नैतीक
ना हो तो गुप्तरोग
जैसी बिमारीया या
जननांगो के संसर्ग से
होने वाली बिमारीया सामन्यरुप
से सताती है ।
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जन्मकुंडली के लग्न स्थान का अंक
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लग्नस्थान के अंक से समझने वाली राशी
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इस जन्मलग्न राशी में जन्मे व्यक्ती को सामान्य रुप से होने वाली बिमारीया
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४
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कर्क
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धनु
राशी छटे स्थान में
होने से इसका संबंध
spinal cord याने मज्जारज्जू से संबंधी बिमरीया जैसे
स्पॉंडिलीसीस, लिव्हर से जुडी बिमारीया का प्रभाव सामान्य रुप से होता है ।
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५
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सिंह
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मकर राशी छटे स्थान में होने से हड्डीयो संबंधीत बिमारी या फ़िर घुटने की
बिमारीया सामान्य रुप से जादा सताती है ।
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६
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कन्या
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कुंभ राशी छटे स्थान में होने से व्हिटामीन बी की कमजोरी से की बिमारीयो का प्रभाव जादा होता है । इसमें
पाचन संस्था से लेकर जनरल हेल्थ खराब होना, शरीर कमजोर बनना ऐसी बिमारीया
सामान्य रुप से सताती है ।
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जन्मकुंडली के लग्न स्थान का अंक
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लग्नस्थान के अंक से समझने वाली राशी
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इस जन्मलग्न राशी में जन्मे व्यक्ती को सामान्य रुप से होने वाली बिमारीया
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७
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तुला
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मीन राशी छ्टे स्थान में होने से व्यक्ती को शारिरीक कम मानसीक बिमारीया
जादा सताती है ।
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८
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वृश्चिक
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मेष राशी छटे स्थान में होने से सरदर्द, मायग्रेन,
सायनस जैसी बिमारीया जादा सताती है ।
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९
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धनु
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वृषभ राशी छटे स्थान में होने से कफ़, खासी
टॉन्सील्स या थाईराईड की बिमारी हो सकती है ।
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जन्मकुंडली के लग्न स्थान का अंक
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लग्नस्थान के अंक से समझने वाली राशी
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इस जन्मलग्न राशी में जन्मे व्यक्ती को सामान्य रुप से होने वाली बिमारीया
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१०
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मकर
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मिथुन राशी छटे स्थान में होने से सर्दी, कफ़ जादा होने
अस्थमा या ब्रोकांयटीस जैसी बिमारीया हो सकती है ।
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११
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कुंभ
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कर्क राशी छ्टे स्थान में होने से सामान्य रुप से खराब पानी पिने से जल्दी पेट
खराब होने की बिमारी हो सकती है ।
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१२
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मीन
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सिंह राशी छटे स्थान में होने से ह्रदय विकार से आवश्यक होता है ।
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उपर विवेचन
से जन्मकुंडली द्वारा शरीर में जो सामान्य रुप से बिमारीया होती है इसके बारें में
अनुमान किया जाता है । कुछ बिमारीया शारिरीक होती है । कुछ मानसीक बिमारीया होती है
। कर्क, वृश्चिक और मीन राशी में चंद्र होने से व्यक्ती
भावनाओंका नियंत्रण कर नही सकता और मानसीक बिमारीयो का शिकार हो जाता है ।
मेरे इसके पहले पब्लीश हुवे आर्टीकल पढे ।
१. आपके जन्मकुंडलीमें व्यवसाय ( Business ) करने के योग है या नोंकरी करने के योग है ?
https://npastrology.xn--11ba8bom9ab3cd9e6hcc.com/2019/09/business.html
२.क्या आपकी जन्मकुंडली में सरकारी नोकरी मिलने के प्रबल योग है ?
https://npastrology.xn--11ba8bom9ab3cd9e6hcc.com/2019/08/blog-post_28.html
३. क्या आपकी जन्मकुंडली में विदेश जाने का योग है ?
https://npastrology.xn--11ba8bom9ab3cd9e6hcc.com/2019/08/blog-post_31.html
४. कौनसा ज्योतिषशास्त्रीय योग एक रात में लोगोंको फ़ेमस बनाता है ?
https://npastrology.xn--11ba8bom9ab3cd9e6hcc.com/2019/08/blog-post.html
५. क्या आपकें जन्मकुंडली में राजयोग है ?
https://npastrology.xn--11ba8bom9ab3cd9e6hcc.com/2019/09/blog-post_7.html



