पिछले आर्टीकल
में हमने आपकी
जन्मकुंडली में बिझनेस या
नोकरी कौनसा कार्यक्षेत्र बलवान
है ये बताने का
प्रयास किया । अब
तक आपने ये आर्टीकल
नही पढा है तो
इस लिंक को क्लिक
करके कृपया पढे ।
इस
आर्टीकल में हमने राजयोग
की चर्चा की थी
। अगर कुंडली में
एक या उससे जादा
राजयोग है तो बिझनेस
में सफ़लता जादा मिलती
है । इसलिये आप
बिझनेस करना चाहते है
तो आपने दोनो आर्टीकल
साथमें पढना आवश्यक है
।
हर कोई ये जानना चाहता है की मेरा समय आज खराब है लेकीन ऐसा समय कब आएगा जब
मैं दुगनी तरक्की करुंगा । जन्मकुंडली का परिक्षण करके ये पता चलता है किसी
व्यक्ती के जन्मकुंडली में विषीष्ठ लग्न के कारण, बलवान ग्रह के कारण, ग्रहयोगों
के कारण बननेवाले राजयोग हो तो व्यक्ती तरक्की करता है । राजयोग होने के बावजूद
जन्मकुंडली में अशुभ योग तथा पितृदोष ना होने पर ये राजयोगोंके फ़ल मिलते है । ऐसे
अशुभ तथा पितृदोष होनेसे जन्मकुंडली में कई प्रकारके राजयोग होकर भी विफ़ल होते
होते है ।
सबसे पहले तरक्की क्या है वो समझते है । तरक्की का अर्थ है जिस आर्थिक और
सामाजिक स्थिती मे कोई व्यक्ती जन्मा है तो उसमें सुधार होता है तो उसका अर्थ
तरक्की है ।
एम एस धोनी
जन्मतारीख ७ जुलाई १९८१
जन्मसमय ११.१५ सुबह IST
जन्मस्थल - रांची
ये जन्मकुंडली देखने से पता चलता है की इस जन्मकुंडली में
ऐसे दो राजयोग है उसके कारण इस व्यक्ती सामान्य परिवार से आकर भी अपना आर्थिक और
सामाजीक स्तर कम उम्र में उचा कर पाई| ऐसे बहोत व्यक्ती होते जो
सामान्य आर्थिक और सामाजिक स्तर से उठकर अपना आर्थिक और सामाजिक स्तर बढा सकते है
। इससे विपरीत जिस जन्मकुंडली में अशुभ योग होते है उनकी सामाजीक और आर्थिक स्थिती
पहले से खराब हो जाती है ।
हमने तीन प्रकार के राज योग का विवरण किया एक तो विषीष्ठ
लग्न के कारण होने वाले राजयोग, बलवान ग्रहों के कारण होने वाले राजयोग तथा
शुभग्रहयोग के कारण होने वाले राजयोग ।
विषिष्ठ लग्न में जन्म होने के कारण राजयोग वृषभ, कर्क,
सिंह, तुला, मकर और कुंभ लग्न पर जन्मे जातक के जन्मकुंडली में होते है ।
राजयोग क्या
है
? कैसे बनता है जन्मकुंडली
में राजयोग ये चर्चा
ज्योतिषविषय में थोडा प्रयास
करकें हर कोई जान
सकता है । लेकीन
हर किसी को ये
कन्सेप्ट समझने के बजाय, क्या
मेरी कुंडली में विशिष्ठ
लग्न में जन्म होने
के कारण राजयोग है
क्या ये जानने में
रुची होगी । इसलिए
चित्र के माध्यम से
हम ये समझने की
कोशिश करेंगे। सबसे पहले ये
समझेंगे की लग्नकुंडली में
लग्नराशी कैसे जाने ।
निचे दिये
चित्र में लग्नस्थान लिखा
हुवा है । अगर
इस लग्नस्थान में
२,४,५,७,१०,११
अंक होता है तो
आपकी लग्नराशी वृषभ, कर्क, सिंह, तुला, मकर
या कुंभ में से
एक है । अगर
ऐसा है तो ये
जानिये की आपकी जन्मकुंडली
में निश्चित रुप से
राजयोग है । आपकी
जन्मराशी वृषभ, कर्क मकर ये तीन
में से एक है
तो राजयोग दशमस्थान को
लेकर होने से बिझनेस
के लिए जादा उपयुक्त
है ।
इस
प्रकार विशिष्ठ लग्न से
होने वाले राजयोग के
बारे में हमने जाना
। इस प्रकार कें
राजयोग होना अत्यंत सामान्य
है । दिनमें लग्नस्थान
बारा राशीयों से होकर
निकलता है । इसलिए
छे राशीयो में से
एक लग्नराशी होना
दिन में सामान्य है
। ऐसे राजयोग दिनमें
छे बार होते है
।
अब देखते
है दुसरे प्रकार से
होने वाला राजयोग ।
इस में पांच ग्रहोंमे
से कोई एक ग्रह
अपनी चरम अवस्था में
होने से राजयोग बनता
है । क्या आपकी
जन्मकुंडली में किसी ग्रह
चरम अवस्था में है
या नही ये जानने
के लिए हमें लग्नकुंडली
तथा नवमांश कुंडली की
आवश्यकता होगी | आप भी अपनी जन्मकुंडली तथा नवांश या नवमांश ( D9 )
कुंडलीया देखकर आसानी से आपकी जन्मकुंडली में राजयोग देख सकते है ।
इस
तालीका के अनुसार आपके
जन्मकुंडली जिस राशी में
ग्रह सबसे अधिक ताकदवर
होता है उस राशीका
नाम तथा अंक दिया
है । अगर उस
ग्रह अपने उच्च राशीमें
है तो बलवान है
। लेकीन उससे बलवान
होने के लिए उस
ग्रह को नवमांश कुंडली
या
( D9 ) में भी उसी राशी में होना आवश्यक है । ज्योतिषशास्त्र में ग्रहोंकी
परमोच्च अवस्था कें कारण पांच महापुरुष योग भी कहा जाता है ।
अनु.
|
ग्रह
|
जन्मकुंडली
की राशी तथा अंक ग्रह को बलवान बनाता है ।
|
नवमांश की राशी तथा अंक ग्रह को बलवान बनाता है ।
|
ज्योतिषशास्त्र में इस नाम से जानते है ।
|
परिणाम
|
१
|
सुर्य
( रवि )
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मेष ( १ )
|
मेष ( १ )
|
प्रशासन
की शक्ती
और दुरदृष्टी
|
|
२
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मंगल
|
मकर ( १० )
|
मकर ( १० )
|
रुचक योग
|
भुमी से जुडे व्यवसाय में यश
|
३
|
बृहस्पती
|
कर्क ( ४)
|
कर्क ( ४)
|
हंस योग
|
फ़ायनान्स व्यवसाय में यश
|
४
|
शुक्र
|
मीन ( १२ )
|
मीन ( १२ )
|
मालव्य योग
|
व्यापार में यश
|
५
|
शनि
|
तुला ( ७ )
|
तुला ( ७ )
|
शश योग
|
कानुन संबंधीत व्यवसाय में यश
|
भद्र योग बुध कन्या राशी तथा कन्या नवमांश में होने से होता है ऐसी मान्यता है
। भद्र योग सलाहकार ( consultant ) या
कमिशन एजंट व्यवसाय के लिए लाभकारी है । रवि परमोच्च होने की स्थिती में होने वाले
योग का ज्योतिषशास्त्र में कोई नाम नही है लेकीन इस योग से नेतृत्व गुण की वृध्दी
होती है जो हर व्यवसाय में नोकरी में उपयुक्त होती है ।
तिसरे
प्रकार के राजयोग ज्योतिषशास्त्र में सबसे ताकदवर माने जाते है । अगर ऐसे तीन अलग
अलग राजयोग जन्मकुंडली में होने से व्यक्ती सो लोंगों को रोजगार देने वाला
इंडस्ट्रियलीस्ट या कारोबारी हो जाता है । ऐसे दो राजयोग होने से व्यक्ती आठ -दस
लोगोंके साथ तालमेल बनाकर अच्छा बिझनेस कर सकता है । ऐसा एक राजयोग होने व्यक्ती
अकेला कन्सलटंन्सी / सलाहकार बनके बिझनेस कर सकता है ।
राजनिती
में यश पाने के लिए सुर्य कें परमोच्च अवस्था से बनने वाला राजयोग तथा तिसरे
प्रकार के दो से जादा राजयोग होना आवश्यक होता है । इससे व्यक्ती राजनिती से जुडे
पार्षद या विधायक जैसे पदों को आसानी से पाता है ।
तिसरे
प्रकार के राजयोग समझने के लिए जानकार ज्योतिषसे जन्मकुंडली देखना आवश्यक हो जाता
है । दो ग्रहों के शुभ योग सें नवम तथा
दशमस्थान के स्वामी के साथ होने वाला राजयोग बिझनेस हो या नोकरी दोनो क्षेत्र में
अच्छी तरक्की देता है । व्यक्ती का जीवन सफ़ल बनाता है ।
कई
बार जन्मकुंडली में अच्छे राजयोग होने से या जन्मकुंडली में बिझनेस के योग होने से
भी व्यक्ती असफ़ल हो सकता है । उसके दो कारण होते है । या तो व्यक्ती की बारहस्थान
के स्वामी की दशा हो या कई बार राहू की महादशा । दुसरा कारण ये है व्यक्ती के
जन्मकुंडली में गुरु-राहू से बना चांडाल योग या शनि-राहू से बना पितृदोष । ऐसे
स्थिती में जन्मकुंडली के कई राजयोग का कोई फ़ल नही मिलता या पुरे जिंदगी नही मिलता
।
अगले आर्टीकल में अशुभ योग और राहू महादशा के बारें मे अधिक जानकारी लेंगे ।
अगर आप
आपकी जन्मकुंडली की चिकित्सा करकें क्या आपके जन्मकुंडली में बिझनेस या नोकरी के योग
के बारेंमें परामर्श चाहते है ति मुझे मेरे whatsapp 9763922176
पे संपर्क करे । अगर आप ये जानकारी किसी मित्र को फ़ॉर्वड करना चाहे तो इस लिंक को कॉपी
करके आसानी से फ़ॉर्वड कर सकते है । में हर हप्ते एक नये आर्टीकल के साथ आपसे मिलता
रहूंगा । आप आपकें बॉउझर पर नक्षत्रप्रकाश.com कॉपी पेस्ट कर
लिखने से मेरा ब्लॉग आपके सामने होगा ।
आशा करता
हू की ये और पहले के आर्टीकल से आपको सरलता से आपकी जन्मकुंडली के बारें में जानकारी
मिली होगी ।
ज्योतिषशास्त्री
नितीन जोगळेकर
चिंचवड
पुणे
महाराष्ट्र
whatsapp
9763922176

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