एक दिन एक २१ सालकी युवती मेरे
पास ज्योतिष कन्सलटन्सी के लिए आयी थी । दिखने में अच्छी थी । पढी लिखी इंजिनीयर थी
। उसका एक अजिब सवाल था । मै कॉलेज में कई युवाओंको मिली हू । लेकीन मेरा किसी के साथ
अफ़ेअर नही हुवा । ना किसी के साथ दोस्ताना ।
जब मैने उसकी जन्मकुंडली को
समझा और पता चला इसके जैसे कई लोग हो सकते है जिन्हे प्यार नही हो सकता । अफ़ेअर होने के लिए आप अच्छे दिखतो हो, जवान हो तो प्लस पॉंइंट है । लेकीन ये
अनिवार्य नही है । ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पाचवे स्थान और पाचवे स्थान का अधिपती
ग्रह अफ़ेअर होने में बडी भुमीका रखता है ।
पांचवे स्थान में अगर शुक्र विद्यमान है तो समझ
लिजीये की जो चिज कई युवक - युवतीयो को नही मिलती वो बडी आसानी से आपके साथ होगी ।
अगर ये शुक्र वृषभ , तुला या मीन राशी में विद्यमान हो तो अफ़ेअर के मोके एकबार नही
कई बार आ सकते है ।
पांचवा स्थान और शुक्र की स्थिती समझने के लिए
ये चित्र हम देखेंगे जिसमें पांचवा स्थान दिखाया है ।
इन ती राशीयों के अलावा किसी भी राशी पंचमस्थान
में होने पर और उसमें शुक्र विद्यमान होने पर अफ़ेअर कमसे कम एक बार हो सकता है ।
इस अफ़ेअर का स्पष्ट मतलब है की किसी के लिए आपके
दिलकी धडकन तेज होती है । ये बात आप स्पष्ट शब्दो में जिसके लिए दिलकी धडकन तेज होती
है बता देते है । और उनकी तरफ़ से इन्कार नही होता । रिश्ता बन सकता है । आज भी कई ऐसे युवक और युवती को इस रिश्ते का स्विकार सहजता से
करना संभव नही होता । कुछ वक्त कोई साथ होने के अहसास से ये रिश्ता आगे चलता है ।
आज कई युवक और युवतीया इसे टाईमपास के रुप से
देखती है । इस रिश्ते स्विकार होने के बाद भी सिरीयस अफ़ेअर नही मानते । ये अलग बात
है ।
और एक नियम बनता है जो ये कहता है की की ये अफ़ेअर
दिर्घ काल चलता है । अगर युवक - युवती चाहे तो आसानी से विवाह के रुप में आगे पुरी उम्र चलने का वादा भी हो सकता है ।
मकर लग्न , मिथुन लग्न तथा वृश्चिक लग्न में
वृषभ राशी, और तुला राशी पंचम स्थान में आती है । इसके कारण पंचमेश शुक्र सप्तम स्थान
में होने से युवक और युवती सहजता से विवाह बंधन में बंधे जा सकते है । इस विवाह को
होने से समाज या पारिवारीक रिश्ते अगर रोकना चाहे तो रोक नही सकते । युवक और युवती
दोनो के जन्मकुंडली में शुक्र की ऐसी स्थिती होना हर बार संभव नही । लेकीन ऐसा हो तो
दोनो का विवाह बंधन में बंधना तय है ।
पंचमेश शुक्र अगर भाग्य स्थान
में , लाभ स्थान में तथा धन स्थान में होने से भी प्रेमविवाह हो सकता है । लेकीन इतनी
आसानी से नही होता जितना पंचमेश शुक्र सप्तम भाव में होने से होता है ।
इन नियमोंको छोड कर जो अफ़ेअर होता है वो केवल
शारिरीक आकर्षण हो सकता है या अफ़ेअर का क्रेझ या इंग्रजी में infatuation याने बचकना जादा होता है । फ़िल्म देखकर नासमझ उम्र में जिसे प्यार
समझ बैठे वो मामला होता है ।
क्या
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ज्योतिषशास्त्री
नितीन जोगळेकर
चिंचवड
पुणे
महाराष्ट्र
whatsapp 9763922176



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