नक्षत्रप्रकाश Astrology Blog in Hindi: मेरा अफ़ेअर होगा ?

Thursday, 29 August 2019

मेरा अफ़ेअर होगा ?


एक दिन एक २१ सालकी युवती मेरे पास ज्योतिष कन्सलटन्सी के लिए आयी थी । दिखने में अच्छी थी । पढी लिखी इंजिनीयर थी । उसका एक अजिब सवाल था । मै कॉलेज में कई युवाओंको मिली हू । लेकीन मेरा किसी के साथ अफ़ेअर नही हुवा । ना किसी के साथ दोस्ताना ।


जब मैने उसकी जन्मकुंडली को समझा और पता चला इसके जैसे कई लोग हो सकते है जिन्हे प्यार नही हो सकता । अफ़ेअर होने के लिए आप अच्छे दिखतो हो, जवान हो तो प्लस पॉंइंट है । लेकीन ये अनिवार्य नही है । ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पाचवे स्थान और पाचवे स्थान का अधिपती ग्रह अफ़ेअर होने में बडी भुमीका रखता है ।

पांचवे स्थान में अगर शुक्र विद्यमान है तो समझ लिजीये की जो चिज कई युवक - युवतीयो को नही मिलती वो बडी आसानी से आपके साथ होगी । अगर ये शुक्र वृषभ , तुला या मीन राशी में विद्यमान हो तो अफ़ेअर के मोके एकबार नही कई बार आ सकते है ।

पांचवा स्थान और शुक्र की स्थिती समझने के लिए ये चित्र हम देखेंगे जिसमें पांचवा स्थान दिखाया है ।



इन ती राशीयों के अलावा किसी भी राशी पंचमस्थान में होने पर और उसमें शुक्र विद्यमान होने पर अफ़ेअर कमसे कम एक बार हो सकता है ।

इस अफ़ेअर का स्पष्ट मतलब है की किसी के लिए आपके दिलकी धडकन तेज होती है । ये बात आप स्पष्ट शब्दो में जिसके लिए दिलकी धडकन तेज होती है बता देते है । और उनकी तरफ़ से इन्कार नही होता । रिश्ता बन सकता है । आज भी कई ऐसे  युवक और युवती को इस रिश्ते का स्विकार सहजता से करना संभव नही होता । कुछ वक्त कोई साथ होने के अहसास से ये रिश्ता आगे चलता है ।

आज कई युवक और युवतीया इसे टाईमपास के रुप से देखती है । इस रिश्ते स्विकार होने के बाद भी सिरीयस अफ़ेअर नही मानते । ये अलग बात है ।

और एक नियम बनता है जो ये कहता है की की ये अफ़ेअर दिर्घ काल चलता है । अगर युवक - युवती चाहे तो आसानी से विवाह के रुप में आगे पुरी उम्र चलने का वादा भी हो सकता है ।


मकर लग्न , मिथुन लग्न तथा वृश्चिक लग्न में वृषभ राशी, और तुला राशी पंचम स्थान में आती है । इसके कारण पंचमेश शुक्र सप्तम स्थान में होने से युवक और युवती सहजता से विवाह बंधन में बंधे जा सकते है । इस विवाह को होने से समाज या पारिवारीक रिश्ते अगर रोकना चाहे तो रोक नही सकते । युवक और युवती दोनो के जन्मकुंडली में शुक्र की ऐसी स्थिती होना हर बार संभव नही । लेकीन ऐसा हो तो दोनो का विवाह बंधन में बंधना तय है ।

पंचमेश शुक्र अगर भाग्य स्थान में , लाभ स्थान में तथा धन स्थान में होने से भी प्रेमविवाह हो सकता है । लेकीन इतनी आसानी से नही होता जितना पंचमेश शुक्र सप्तम भाव में होने से होता है ।

इन नियमोंको छोड कर जो अफ़ेअर होता है वो केवल शारिरीक आकर्षण हो सकता है या अफ़ेअर का क्रेझ या इंग्रजी में infatuation याने बचकना जादा होता है । फ़िल्म देखकर नासमझ उम्र में जिसे प्यार समझ बैठे वो मामला होता है ।

क्या आप आपकी जन्मकुंडली का अध्ययन होकर इस विषय में ज्योतिषशास्त्रीय सलाह चाहते है तो नीचे दिये हुवे whatsapp पर संपर्क करे ।

ज्योतिषशास्त्री नितीन जोगळेकर
चिंचवड पुणे
महाराष्ट्र
whatsapp 9763922176

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