नक्षत्रप्रकाश Astrology Blog in Hindi: क्या आपकी जन्मकुंडली में विदेश जाने का योग है ?

Saturday, 31 August 2019

क्या आपकी जन्मकुंडली में विदेश जाने का योग है ?


हिंदु धर्म में एक जमाने विदेश जाने पर प्रायश्चित लेना पडता था ये बात सुनने को ठिक नही लगेगी लेकीन लोकमान्य टिळकजी जो स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे उन्हे ये इंग्लंड जाने पर प्रायश्चित लेना पडा था। कुछ साल पहले एक जैन साध्वी को विदेश जाने पर ऐसे ही कुछ सहना पडा

 










लेकीन आज विदेश जाने वालों की या विदेश जाने के लिए इच्छुक युवाओंकी संख्या तेजी से बढ रही है भारत में पासपोर्ट देने के लिए कई नये कार्यालय कै. सुषमा स्वराज्य पुर्व विदेशमंत्री के कार्यकाल में शुरु हुवे पासपोर्ट देने के कार्य में आसान प्रक्रिया विदेश मंत्रालय अपना रहा है विदेश में मिलने वाले डॉलर्स की आज भी बडा मुल्य है इसलिये तथा एम एस पढने के लिए जाने वालोंकी संख्या भी तेजी से बढ रही है।

इस पार्श्वभुमी पर मुझे कई बार ये सवाल पुछा जाता है की क्या मेरी जन्मकुंडली में विदेशयात्रा के योग है ? मेरे ज्योतिषशात्र के अनुभव से अगर प्रबल योग ना हो तो विदेशयात्रा कॅन्सल करनी पडती है मेरी पुत्री काम के सिलसीले में दो बार तथा घुमने के लिए एक बार विदेश हो कर आई है लेकीन एक बार उसे ये यात्रा बिमारी के कारन कॅन्सल करनी पडी है

विदेश यात्रा कई कारणो से नही हो पाती जैसे विसा मिलने में दिक्कत है अगर पढने के लिए जाना है तो स्टुडंट विसा मिलना अनिवार्य होता है। अगर जॉब के लिए जाना है तो वर्क विसा अनिवार्य होता है कभी कबार किसी देश में पोलीटीकल सिट्युएशन ये सब मिलने के बाद भी खराब होने से विदेश यात्रा हो नही पाती कभी कोई बिमार होने से यात्रा नही हो पाती

अगर जन्मकुंडली में विदेश जाने के लिए योग हो तो ऐसी कोई दिक्कते नही आती और आसानी से विदेश यात्रा हो पाती है आज इस आर्टीकल का उद्देश ऐसे नियमों को समझना है

कोनसे योग होते है जन्मकुंडली में जो विदेश में बसने के अवसर दिलाते है ? ऐसे कौनसे योग होते है जो विदेशो में बार बार जाने के अवसर दिलाते है ? इस बारेंमे जानने के लिए जन्मकुंडली के नवम और बारह स्थान को और उनके स्वामी को देखना पडता है राहू और हर्षल नेपचून जैसे ग्रहो को देखना पडता है


पहला नियम:  नवम भाव का स्वामी बारह भाव में स्थित हो तो विदेश जाने का अवसर प्राप्त होता है अगर बारह भाव में वायू राशी हो तो विदेश जाना लगभग तय है । इतना भी नही तो ये व्यक्ती कई साल तक विदेश रहता है । अगर चाहे तो वहा का सिटीझनशीप भी मिलता है ।

नवम भाव में राशी १ या ८ अंक हो तो नवम भाव का स्वामी मंगल है ।
नवम भाव में राशी २ या ७ अंक हो तो नवम भाव का स्वामी शुक्र है ।
नवम भाव में राशी ३ या ६ अंक हो तो नवम भाव का स्वामी बुध है ।
नवम भाव में राशी ९ या १२ अंक हो तो नवम भाव का स्वामी बृहस्पती है ।
नवम भाव में राशी १० या ११ अंक हो तो नवम भाव का स्वामी शनि है ।
नवम भाव में राशी ४ या ५ अंक हो तो नवम भाव का स्वामी चंद्रमा या सुर्य है ।

 ये समझने के लिए हमे निचे दिये चित्र को समझना पडेंगा



( इस जन्मकुंडली में ५ अंक नवम स्थान में है उसका स्वामी सुर्य है जो बारह स्थान में स्थित है । ये कन्या पढाई के लिए विदेश गयी और उसे वहा जॉब भी मिला है । वो अगर प्रयत्न करे तो विदेश में कई साल रह सकती है या वहा सेटल हो सकती है )






दुसरा नियम है अगर नवम तथा बारह स्थान का स्वामी एक ही हो और वो तिसरे स्थान में बैठा हो फ़िरभी व्यक्ती कई बार विदेश जाता है लेकीन वहा सेटल होने का सौभाग्य नही मिलता. ये नियम समझने के लिए निचे चित्र देखे.

( इस जन्मकुंडली में नवम और बारह स्थान का स्वामी बुध है जो तिसरे स्थान में जाकर बैठा है. इस व्यक्ती को इटली में एकबार, जर्मनी में एक बार तीन महिने रहने का अवसर मिला । तिसरी बार ये व्यक्ती सिंगापुर घुमने के लिए गयी थी । )


अब तिसरा  नियम देखते है । अगर बारह भाव का स्वामी राहू के नक्षत्र में हो और नवम भाव का स्वामी बारह भाव में ना हो तो व्यक्ती कई बार विदेश में जात है लेकीन काम पुरा होने के बाद वापस चला आता है ।


ये नियम समझने के लिए ज्योतिष का थोडासा भी ग्यान हो तो समझना आसान हो जाता है ।

राहू और केतू की महादशा में विदेश जाना, वहा कुछ साल रहना आसान हो जाता है ।


१) विदेश के सिलसीले में ऐसे कई योग बनते है जिसमें व्यक्ती का जन्म तो  विदेश में होता है लेकीन अपनी पुरी जिंदगी कई और देश में बिताते है ।

२) जन्म के बाद विदेश में जाते है और वापस नही आते. उनका अंत वही होता है ।

३) विदेश का और भारत का दो सिटीझनशीप होने के कारन उन देशों मे रहना आसान हो जाता है ।

४) जलमार्ग से विदेश जाना और हवाईयात्रा से विदेश जाना इसके अलग अवसर होते है ।

ढुंढने पर और कई नियम मिलेंगे जिससे विदेश जाने के अवसरो कें बारें जाना जा सकता है । इसके लिए जन्मकुंडलीका अध्ययन आवश्यक हो जाता है ।

क्या आप चाहते है की आपकी जन्मकुंडली का अध्ययन विदेश जाने के योग जानने के लिए हो ? मेरे अध्ययन में ऐसी कई सारी जन्मकुंडलीया है । मैं विदेश जाने के लिए इच्छुक व्यक्ती को मार्गदर्शन करुंगा। 



आप इसके लिए मुझसे बे झिझक संपर्क कर सकते है । ये आर्टीकल की लिंक अपने दोस्तो फ़ॉर्वड कर सकते है ।

ज्योतिषशास्त्री नितीन जोगळेकर
चिंचवड पुणे
महाराष्ट्र
whatsapp  9763922176

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