नक्षत्रप्रकाश Astrology Blog in Hindi: आपके जन्मकुंडलीमें व्यवसाय ( Business ) करने के योग है या नोंकरी करने के योग है ?

Tuesday, 3 September 2019

आपके जन्मकुंडलीमें व्यवसाय ( Business ) करने के योग है या नोंकरी करने के योग है ?


हर व्यक्ती ये चाहता है के मैं अच्छी पढाई करु और अच्छे खासे पैसे कमाऊ । हर किसी के दिल में ये खयाल आता है की अगर जादा जरुरत है तो जादा पैसे कमाने का रास्ता है व्यवसाय याने की बिझनेस । हर किसी के दिमाख में ये बात भी की मैं बिझनेस तब कर सकता हू जब मेरे पास इनवेस्टमेंट के लिए पैसा हो । जो सच्चा बिजनेस जानने वाला होता है या ऐसे खोज में लगा रहता है की बिना इनवेस्टमेंट से भी पैसे कमाये जा सकते है । कई बार इनवेस्टमेंट के लिए पैसे होते है, लोग पैसे बिझनेस में लगाते है लेकीन नुकसान होता है ।

ऐसा कोई फ़ॉर्म्युला नही है की इस बिझनेस में पैसे लगाकर सिर्फ़ मुनाफ़ा होता है । बिझनेस से मुनाफ़ा कमाना या पैसा कमाना एक आर्ट है जो हर किसी के पास होना संभव नही । आप बिझनेस कम्युनिटी में जन्मे हो या ना हो, जिसके पास ये कला है वो किसी भी बिझनेस को अच्छे से चलाता है और धन कमाता है । जिसके पास ये कला ना हो वो किसी भी बिझनेस से धन नही कमा सकता ।

कुंडली पर आधारीत ज्योतिष की ये खुबी है की व्यक्ती का जन्म होने के तुरंत बाद ये बताया जा सकता है की व्यक्ती व्यवसाय या व्यापार में नाम/यश और पैसा कमा सकता है या नही । आजके आर्टीकल का यही उद्देश है ।

राशीया ( signs ) १२ होती है  ये तो सब जानते है । अंतरीक खुबीयो के कारण राशीयो के कई प्रकार से वर्गीकरण ( classification ) होते है । चर राशी, स्थिर राशी और द्विस्वभाव राशी ये एक प्रकार का वर्गीकरण ज्योतिषशास्त्र सिध्दांतो मे किया गया है ।

चर राशीयो  में  मेष, कर्क, तुला और मकर  ये चार राशीयो वर्गीकृत किया गया है । जन्मकुंडली में इन राशीयों को १,४,७,१० अंक से पहचाना जा सकता है ।

स्थिर राशीयो में वृषभ, सिंह , वृश्चिक और कुंभ  ये चार राशीयो वर्गीकृत किया गया है । जन्मकुंडली में इन राशीयों को २,५,८,११ अंक से पहचाना जा सकता है ।

द्विस्वभाव राशीयो में मिथुन, कन्या, धनु और मीन ये चार राशीयो वर्गीकृत किया गया है । जन्मकुंडली में इन राशीयों को ३,६,९,१२ अंक से पहचाना जा सकता है ।

चर राशीयो की खुबी ये है की ये राशी के लोग तेज हरकते कर सकते है । तेजी से सोचते है और उन्हे हरदम नयी चिजे पसंत होती है । अगर ये राशीया लग्न स्थान में हो तो व्यक्ती बिझनेस करने के एक पात्रता पाता है । लग्न स्थान जन्मकुंडली का प्रमुख स्थान है । जिससे व्यक्ती की इच्छाए, सोचने का तरीका तथा यश की मात्रा समझी जा सकती है ।

निचे दिये गये चित्र से आपको लग्नस्थान समझने में आसानी होगी ।

इस लग्न स्थान में चर राशी हो तो व्यक्ती बिना थके कई कई घंटे अपने आप को काम में व्यस्त रख सकता है । ये खुबी लग्नस्थान में स्थिर राशी होने पर नही होती । सामन्य रुप से ये लोक आठ घंटा काम करके घर जाना चाहते है । इतवार कें दिन वो आराम करना चाहते है | सामान्य रुप से इसी कारण या तो वो व्यवसाय याने बिझनेस नही करना चाहते और अगर करे तो यश और पैसा कमाने में पिछे रह जाते है ।

द्विस्वभाव राशी अगर लग्नस्थान में हो तो सामान्य रुपसे ये लोग तेजी से निर्णय नही कर पाते । व्यवसाय में ये खुबी अती आवश्यक होती है । द्विस्वभाव राशी में लग्नस्थान में बलवान मंगल होने से ये कमी दुर हो सकती है । अन्यथा जहा हर समय निर्णय लेने पडते हो ऐसे व्यवसाय में या नोकरी में भी तरक्की करना इनके लिए सामान्य रुप से संभव नही होता |

अब व्यवसाय करने के लिए सप्तम स्थान और दशम स्थान इन दो स्थानोंका स्वामी भी बलवान होना आवश्यक होता है । या फ़िर इस स्थान में जिन ग्रहों को व्यापार या व्यवसाय के लिए उपयुक्त माना गया है ऐसे ग्रह होना आवश्यक होता है । बुध और शुक्र  सप्तम स्थान में होने से सामन्य रुप से दुकानदारी स्वरुप के व्यवसाय में व्यक्ती को आवश्यक खुबीया प्रदान करते है ।

इस नियम को देखने से ये भी पता होगा की हर किसी के जन्मकुंडली में सप्तम स्थान में इन ग्रहो का होना संभव नही है । बुध का स्वयं की राशी में होना या वायु राशी में होना बिझनेस कें लिए अच्छा होता है । बुध की स्वयं की राशी होती है मिथुन जो वायु राशी है और कन्या भी बुध की राशी होती है । इसके अलावा तुला और कुंभ राशी का बुध व्यक्ती को बुध्दीमान बनाता है । जिससे व्यक्ती को व्यावसायीक निर्णय लेने में आसानी होती है ।

ज्योतिषशास्त्र में  शुक्र संपत्ती का मालीक कहा गया है । शुक्र वृषभ या तुला राशी में होने से व्यवसाय में संपत्ती का स्वरुप प्रत्यक्ष धन हो या फ़िर स्टॉक हो, उसका रखरखाव या व्यवस्थापन सही दिशा में होता है । लग्न का स्वामी, सप्तमस्थान का स्वामी, दशम स्थान का स्वामी तथा बुध और शुक्र जन्मकुंडली में वक्री ( Retrogate ) ना हो ये भी आवश्यकता होती है ।

इसके अलावा, हर कोई व्यवसाय में निर्णय लेने के लिए साहस की आवश्यकता होती है । ये साहस तिसरे स्थान या उसका स्वामी प्रदान करता है । साथ में छटे स्थान का मालीक अनुकूल हो तो जिस व्यवसाय में नोकरो ( Employee ) की जादा आवश्यकता होती है वो जल्दी से और जिम्मेदार लोग मिलते है । छटे स्थान की अनुकूलता ना होने पर कम नोकर वाले व्यवसाय का चयन करना पडता है |  या फ़िर ऐसा व्यवसाय करना पडता जिसमें निर्णय लेने वाले भी आप होते है और काम करने वाले भी स्वयं होते है ।  ऐसे व्यवसाय में व्यवसाय की वृध्दी जल्द नही होती और इसके कारण व्यवसाय में यश नही मिलता ।

इसके अलावा जन्मकुंडली में कई राजयोग होना अती आवश्यक है । जिससे यश मिलना आसान होता है । राजयोग क्या होता है ये समझने के लिए आपको मेरे अगले आर्टीकल का इंतजार करना होगा । साथ में जन्मकुंडली को खराब करने वाले अशुभ योग जैसे शनि-राहू , गुरु-राहू ना हो ये भी आवश्यकता है ।

इतना सब पढने से आपके ये समझाने में आसानी होगी अगर फ़िरसे ये सारी बाते आप संक्षीप्त में पढे । बिझनेसमन या एन्टरप्रेनर बनने के लिए व्यक्ती की जन्मकुंडली में कुछ विशेष ग्रहस्थिती और राशीयो का सही स्थान में होना आवश्यक है । व्यवसायी को हर वक्त सुझबुझ से काम करना पडता है । अगर वो हर बार सही निर्णय करे तो यशस्वी होता है । सामान्य रुपसे निचले स्तर पर नोकरी में ये स्थिती नही होती । सिर्फ़ निर्णय करने वाले लोग छोडकर कर ७० से ८० प्रतिशत लोग किसी और के  निर्णय के अनुसार काम करते है । उनको निर्णय करने की अनुमती बहोत कम होती है । कई बडे ऑरगनायझेशन में एसओपी ( standard operating procedure  ) बनायी जाती है । ७० से ८० प्रतिशत लोग लगभग हर काम में एसओपी को फ़ॉलो करके अपना काम करते है । उनकी योग्यता दिखाई दी तो ही आगे बढते है ।

जो व्यक्ती सेल्स में काम करता है या ऐसे क्षेत्र में काम करता है जहा उसे फ़िक्स सॅलरी अलावा सेल्स इन्सेंटीव्ह भी मिलता है, उस जॉब को व्यवसाय समझना चाहीये । इस व्यक्ती के अपने डिसीजन मेकींग से या मेहेनत से आमदनी पर सिधा प्रभाव होता है | इसलिये इस जॉब को व्यवसाय से समान समझना जरुरी है । अगर आपका इन्सेंटिव्ह हर साल बढ रहा है तो समझीये की आपको नोंकरी छोडकर व्यवसाय में जाने की आवश्यकता नही है ।

इतना सब विश्लेषण को समझने के बाद क्या मैं बिझनेस कर सकता हू ? या मेरे लिए जॉब ही उचीत है ये समझने के लिए निचे दिये सुची के साथ अपनी जन्मकुंडली को समझना जरुरी है । 

अनु.
आपके जन्मकुंडली इन खुबीयो सें मिलती हो तो अधिकतम अंक मिलते है
अंक
प्राप्त अंक
१)
क्या मेरी जन्मकुंड लग्नस्थान या प्रथम स्थान में चर राशी ( १,४,७,१० ) है ?
२०

२)
क्या मेरे जन्मकुंडली में बुध ३,६,७, या ११ राशी में स्थित है  ?
( उपर लिखी राशीयोंमे बुध वक्री होने पर १० अंक और वक्री ना होने पर अधिकतम २० अंक ) बुध इन राशीयो में ना होने पर ५ अंक |
२०

३)
क्या मेरे जन्मकुंडली में शुक्र २,७, या १२ नंबर की राशी में स्थित है ?
( उपर लिखी राशीयोंमे शुक्र वक्री होने पर १० अंक और वक्री ना होने पर अधिकतम १५ अंक ) शुक्र इन राशीयो में ना होने पर ५ अंक |
१५

४)
तिसरे स्थान में मंगल या राशीके मालिक मंगल होने पर अधिकतम १० अंक । ना होने पर ५ अंक ।
१०

५)
लग्न का स्वामी, सप्तमस्थान का स्वामी, दशम स्थान का स्वामी  जन्मकुंडली में वक्री ( Retrogate ) ना हो तो पुरे १५ अंक । अगर एक भी  स्वामी वक्री होने से ५ अंक कम करे ।

१५

६)
जन्मकुंडली में एक राजयोग होने पर १० अंक। तीन राज योग होने से अधिकतम ३० अंक ।
३०



१००


आपके कुंडली में कितने राजयोग है ये जानने के लिए आपको मेरे अगले आर्टीकल का इंतजार करना होगा ।

किसी ग्रह को वो वक्री है या नही ये समझने के लिए जन्मकुंडली के अलावा आपको स्पष्टग्रह नामकी तालीका देखनी होगी । जिसमें अगर ग्रह वक्री है तो उसके सामने R लिखा होगा ।अगला चित्र आपको स्पष्टग्रह की तालीका कैसे दिखती है ये दिखाएगा । इसमें आप ग्रह वक्री है या नही इसके बारेंमे जान सकते है ।
                                      
                                                                             
राशी का 
अंक
राशी का 
नाम
राशी का 
स्वामी
मेष
मंगल
वृषभ
शुक्र
मिथुन
बुध
कर्क
चंद्रमा
सिंह
सुर्य
कन्या
बुध
तुला
शुक्र
वृश्चिक
मंगल
धनु
गुरु
१०
मकर
शनि
११
कुंभ
शनि
१२
मीन
गुरु
इसके अलावा आपको और एक तालीका देखनी होगी और उससे आपको कोनसे राशी के कोन अधिपती है ये समझने में आसानी होगी । हर्षल, नेपच्युन और प्लुटॊ किसी स्थान के अधिपती नही हो सकते । सुर्य, चंद्र कभी वक्री नही होते इन दो नियमों को याद रखना आवश्यक है । 
ये अंको का टेबल में १००/१०० गुण होने के बावजूद कभी कबार कुछ दशा ऐसी होती है जिसमें असफ़लता का सामना कर पड सकता है । ये ज्योतिष का और जटील विषय है । अगर आप ऐसी स्थिती में परेशान है तो मेरे whatsapp 9763922176 अवश्य संपर्क करे और मार्गदर्शन पाए ।


ज्योतिषशात्री नितीन जोगळेकर
चिंचवड पुणे
महाराष्ट्र
whatsapp 9763922176

8 comments:

  1. मस्त सर...हिंदी माध्यमातून हि समजायला अडचण झाली नाही😊😊😊👍👍👍👍👍

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  2. खूप छान समाजवून सांगितले सर , धन्यवाद

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  3. छान माहिती

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  4. Chart main how many puts should come? For business

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